ममता, प्रेम , दया, छमा, करुणा, आज सब बेकार है। उस अहसास की चिता को तुम आज आग दो, कि ममता, प्रेम , दया, छमा, करुणा, आज सब बेकार है। उस अहसास की चिता को तुम आज आग ...
मजबूर आदमी हैं हम यहां मजबूरी में ही हमे जीना पड़ता है। मजबूर आदमी हैं हम यहां मजबूरी में ही हमे जीना पड़ता है।
कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए हैं कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए...
अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है। अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है।
तू जो न मिली मैं सहम गया, मैं ठहर गया, मैं बिखर गया। तू जो न मिली मैं सहम गया, मैं ठहर गया, मैं बिखर गया।
सुन्दर पुस्तकालय सुन्दर बगीचा हम बनाएंगे महके सारा सरकारी स्कूल ऐसा चमकाएंगे। सुन्दर पुस्तकालय सुन्दर बगीचा हम बनाएंगे महके सारा सरकारी स्कूल ऐसा चमकाएंगे।