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आज सब मजबूरी चमचागिरी भ्रष्ट व्यवस्था मेहनत बेकार है ईमानदार कोई नहीं रिश्ते वक्त बेकार परेशान कमी शहर गली कविता परिवेश

Hindi बेकार है Poems